कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है- पं. अवधेश शास्त्री

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कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है- पं. अवधेश शास्त्री
– विकास नगर में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ
देवास। विकास नगर स्थित ईडब्ल्यूएस पानी की टंकी के पास गार्डन में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। आयोजक प्रकाश दुबे एवं राधा कृष्ण दुबे ने बताया कि कलश यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए निकली। जिसमें बड़ी संख्या में मातृशक्तियां शामिल हुई। यात्रा का कई स्थानों पर पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। भागवताचार्य पं. अवधेश शास्त्री ने कथा कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता। 7 दिनों तक कथा श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं, मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा-अर्चना करता है, लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है। जीवन में भजन, और भोजन में अंतर बताते हुए कहा कि भजन में कोई मात्रा नहीं होती, भजन करने से मानव का मन सीधा ही प्रभु से जुड़ जाता है। उसी प्रकार भोजन में मात्रा होती है, मनुष्य को भोजन को भजन एवं प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। कथा 27 अप्रैल तक प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक चलेगी। आयोजनकर्ता ने समस्त श्रद्धालु जनों से अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण कर धर्मलाभ लेने की अपील की है।

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