प्रशासन ने अवैध कालोनी के 50 मकानों में से सिर्फ एक मकान को तोड़ा, पक्षतापूर्ण कार्यवाही पर पीडि़त ने सौंपा आवेदन
देवास। जिले के ग्राम बरोठा में पिछले दिनों स्थानीय प्रशासन द्वारा एक अवैध कालोनी में मकान तोडऩे की कार्यवाही की गई थी। अनुविभागीय अधिकारी देवास एवं नायब तहसीलदार बरोठा द्वारा की गई कार्यवाही को एक पीड़ित परिवार ने पक्षपात पूर्वक बताते हुए शुक्रवार को जिला कलेक्टर को आवेदन सौंपा। पीड़ित परिवार की श्रीमती गीता नागर ने बताया कि ग्राम बरोठा पटवारी हल्का न. 77 में टप्पा तहसील के पीछे बनी अवैध कॉलोनी में लगभग 50 मकान बने हुए है जो कि लगभग 40 वर्ष पुराने है। जहां पर एक मकान मेरा भी था, जो कि 50 वर्ष पूर्व बना था। उस कॉलोनी के समस्त मकान अवैध है। नायब तहसीलदार बरोठा एवं अनुविभागीय अधिकारी देवास जब कालोनी में कार्यवाही करने पहुंचे तो प्रशासन के अधिकारियों ने पक्षपात पूर्ण कार्यवाही करते हुए सिर्फ मेरा मकान तोड़ा। वहीं मेरे पुत्र को सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आरोप में 15 दिनों की जेल करवा दी गयी। जबकि इस अवैध कालोनी में 50 से अधिक मकान बने हुए जो कि सभी अवैध की श्रेणी में आते है। परंतु प्रशासन ने सभी मकानों को छोडक़र सिर्फ एक ही मकान को निशाना बनाते हुए कार्यवाही की। सवाल यह उठता है कि उक्त कार्यवाही सिर्फ एक मकान एवं एक ही व्यक्ति पर ही क्यों की गई। पीड़ित आवेदनकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त कार्यवाही सिद्ध होता है कि अधिकारियों के द्वारा द्वेष षता पूर्ण मेरे खिलाफ कार्यवाही की गई। इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही की जानकारी पीड़ित कलेक्टर से मिलकर मौखिक रूप से दे चुका है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित ने कलेक्टर से मांग की है कि उक्त प्रकरण की जाँच की जाकर दोषियों पर कार्यवाही हो, जिससे पुन: इस प्रकार की घटना घटित न हो।