पुत्र की लंबी आयु एवं सुखी जीवन की कामना से की महिलाओं ने बज बारस की पूजा
– कांटाफोड़ सोमवार को भाद्रपद कृष्ण द्वादशी के दिन को बज बारस के रूप में मनाया इस दिन प्रातः से ही महिलाओं ने स्नान ध्यान कर गाय और बछड़े की पूजन की उन्होंने बताया कि यह उपवास पुत्र की लंबी आयु एवं सुखी जीवन की कामना से किया जाता है इस दिन स्तरीय मूंग, मोठ ओर बाजरे से अंकुरित अनाज गाय और उसके बछड़े को खिलाते है साथ ही गाय के दूध से बने उत्पादों का उपयोग नहीं किया जाता है पौराणिक कथा के अनुसार आज भी इस दिन घरों में चाक़ू से कटी हुई वस्तुओं का उपयोग नहीं किया जाता है साथ ही धार से कटे अनाजों का भी भोजन नहीं किया जाता है। सभी मिलकर पूजन कर बज बारस की कथा सुनाई।