विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों का ग्राम डिंगरोदा में प्रवेश निषेध, ग्रामीणजन चौपाल लगाकर चुनाव का कर रहे बहिष्कार
– कलेक्ट्रेट का घेराव कर करेंगे चक्का जाम करने की दी चेतावनी
देवास। जिले के अंतिम छोर पर उपस्थित ग्राम डिंगरोदा के ग्रामीणों ने समस्याओं का निराकरण नही होने पर 15 दिनों पूर्व विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया था। बहिष्कार की चेतावनी दी थी। चेतावनी के बाद भी आज तक कोई अधिकारी ग्रामीणों की समस्या सुनने नही पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि हमारा गांव तीन जिलों के बीचो बीच पड़ता है। देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा का प्रथम ग्राम डिंगरोदा है। जहां के ग्रामीण वर्षो से परिसीमन की मांग के साथ विकास कार्य की राह देख रहे है। करीबन 1200 की आबादी वाला ग्राम डिंगरोदा में एक ही परिवार का सरपंच निर्विरोध बनता आ रहा है। जिससे ग्राम का विकास अवरूद्ध हो गया है। कई बार जनप्रतिनधि के साथ जिला मुख्यालय पर कलेक्टर को आवेदन दे चुके है। ग्राम डिंगरोदा के पुराने पंचायत भवन की जमीन पर पूर्व उपसरपंस ने हल्का पटवारी की मिलीभगत से अवैध कब्जा कर शराब व कृषि रसायन की दुकान खोल रखी है। विरोध पश्चात उपसरपंच द्वारा आए दिन ग्रामीण जनों को धमकी दी जा रही है। ग्रामीण जन धमकी के विरोध में थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। तीन जिलो में बंटने के कारण गांव का समुचित विकास नही हो पा रहा है। लेकिन आज तक हमारी समस्याओं का निराकरण नही हो पाया। ग्रामीणों द्वारा लगातार गांव में एकत्रित होकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर नारेबाजी की जा रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही गांव की ज्वलंत समस्याओं का निराकरण नही होता है तो ग्रामीणजन कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर चक्काजाम करेंगे। जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। ग्रामीण गांव में चौपाल लगाकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तो कर ही रहे। साथ ही जनसम्पर्क के दौरान आने वाले जनप्रतिनिधियों को प्रवेश भी नही दिया जा रहा है।